न्यूटन का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. कोई बच्चा जब विज्ञान की दुनिया में कदम रखता है तो जिस वैज्ञानिक से सबसे पहले वह परिचित होता है वही वैज्ञानिक है सर आइज़क न्यूटन. वह वैज्ञानिक जो भौतिकविद, गणितज्ञ, खगोलशास्त्री, फिलास्फर, अल्केमिस्ट, धर्मशास्त्री सभी कुछ था. न्यूटन के सिद्धांतों ने संसार को नए रूप में देखने के परदे खोल दिए. और आधुनिक भौतिकी व इंजीनियरिंग की बुनियाद रखी.
यांत्रिक भौतिकी (Mechanical Physics) की शुरुआत न्यूटन के गति के तीन नियमों से होती है. साइकिल से लेकर रॉकेट तक के निर्माण में कहीं न कहीं ये नियम जुड़े रहते हैं.
न्यूटन ने बताया की चीज़ों के पृथ्वी पर गिरने, चंद्रमा के पृथ्वी के परितः परिक्रमण, और ग्रहों के सूर्ये के परितः परिक्रमण के पीछे एक ही कारक है जो गुरुत्वाकर्षण का सर्वव्याप्त बल है.साथ ही पहली बार द्रव्यमान और भार के बीच अन्तर बताया. प्रकाश के क्षेत्र में काम करते हुए न्यूटन ने बताया की सफ़ेद प्रकाश दरअसल कई रंगों के प्रकाश का मिश्रण होता है. और साथ ही ये भी बताया कि प्रकाश बहुत सूक्ष्म कणिकाओं का तेज़ प्रवाह होता है. हालांकि हाइगेन्स तथा अन्य वैज्ञानिकों ने कणिका सिद्धांत को नकारते हुए तरंग सिद्धांत पर बल दिया. किंतु आज के परिपेक्ष्य में प्लांक की परिकल्पना तथा प्रकाश विधुत प्रभाव ने न्यूटन सिद्धांत को काफ़ी हद तक सही ठहरा दिया है. टेलेस्कोप के रंग दोष को दूर करने के लिए न्यूटन ने परावर्तक दूरदर्शी का आविष्कार किया.
गणित की सर्वाधिक उपयोगी शाखा कैलकुलस (Calculus) के बारे में इतिहासकारों का मानना है कि इसका आविष्कार न्यूटन और लाइब्निज़ (Leibniz) दोनों ने अपने अपने तरीके से किया था. हलाँकि इसके असली आविष्कारक के लिए दोनों में कई वर्षों तक विवाद भी चलता रहा.
माध्यमिक स्तर पर पढ़ाई जाने वाली द्विपद प्रमेय भी न्यूटन के दिमाग की उपज है. पाई का मान निकालने के लिए भी न्यूटन ने नया फार्मूला दिया. किसी भी तरह की समीकरण के आंकिक हल के लिए भी न्यूटन ने एक फार्मूला दिया जो न्यूटन राफ्सन फार्मूला के नाम से जाना जाता है. कंप्यूटर की गणनाओं में यह काफ़ी उपयोगी सिद्ध हुआ है.
आधुनिक कैलेंडर के अनुसार न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643 को हुआ था. उसके जन्म से तीन माह पहले ही पिता की मृत्य हो गई थी. बाद में उसकी माँ ने दूसरा विवाह कर लिया था. वह जीवन भर अविवाहित रहा. शायद इसी अकेलेपन ने उसे अतिवादिता का शिकार बना दिया था. वह जितना अपने मित्रों को टूट कर चाहता था, विरोधियों के लिए उतना ही आक्रामक था.
उस समय के अन्य वैज्ञानिकों रॉबर्ट हुक (Robert Hooke), क्रिस्टियन हाइगेन्स (Christiaan Huygens), विल्हेम लाइब्निज़ (Wilhelm Leibniz) और जॉन फ्लाम्स्टीड (John Flamsteed) के साथ उसका विवाद जगप्रसिद्ध है. धार्मिक रूप से वह बाइबिल तथा ईश्वर में अटूट विश्वास रखता था किंतु ईसाइयों की आम मान्यता ट्रिनिटी में उसकी आस्था न थी. उसका माना था कि ट्रिनिटी (Trinity) को मानने वालों ने मूल बाइबिल में उलट फेर किया है. (ट्रिनिटी - जीसस को ईश्वर का बेटा मानना.)
न्यूटन की पुस्तक फिलास्फिया प्रिन्सिपिया मैथेमैटिका को अब तक का महानतम लिखित वैज्ञानिक कार्य माना जाता है.
न्यूटन की पुस्तक फिलास्फिया प्रिन्सिपिया मैथेमैटिका को अब तक का महानतम लिखित वैज्ञानिक कार्य माना जाता है.
सन 2005 में हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सर्वे ने न्यूटन को सर्वाधिक लोकप्रिय वैज्ञानिक ठहराया है.
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